भारतीय स्पेस एजेंसी का नाम इसरो है
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स्थापना – 15 अगस्त, 1969
मुख्यालय – बेंगलुरु
अध्यक्ष – के सिवन
पहले अध्यक्ष – विक्रम साराभाई [स्पेस प्रोग्राम के जनक]
इसरो के सभी अध्यक्ष से संबंधित प्रश्न भी पूछे जाते हैं अतः आपकी सुविधा के लिए उनके नाम नीचे दिए गए हैं |
क्रमांक |
इसरो प्रमुख |
कार्यकाल |
उपलब्धि |
1 |
विक्रम साराभाई |
1969-72 |
- |
2 |
MGK मेनन |
1972-1972 |
- |
3 |
सतीश धवन |
1972-84 |
INSAT प्रोग्राम |
4 |
UR राव |
1984-94 |
GSLV व PSLV |
5 |
के कस्तूरीरंगन |
1994-2003 |
IRS सैटेलाईट |
6 |
जी माधवन नायर |
2003-2009 |
चन्द्रयान-1 |
7 |
के राधाकृष्णन |
2009-2014 |
IRNSS, मंगलयान |
8 |
शैलेश नायक |
2015[11 दिन] |
- |
9 |
AS किरण कुमार |
2015-2018 |
GSLV MkIII, NAVIC, Astrosat |
10 |
के सिवन |
2018-.... |
चन्द्रयान-2 |
इसरो के प्रमुख राकेट
PSLV – Polar Satellite Launch Vehicle
प्रथम लांच – 20 सितम्बर, 1993
कुल लांच – 52 [49]
मुख्य रूप से 600-900 किमी के पोलर ऑर्बिट में 1750 किग्रा के Earth Observation & Remote Sensing सैटेलाईट के लांच में उपयोग
GSLV – Geosynchronous Satellite Launch
Vehicle
प्रथम लांच – 18 अप्रैल, 2001
कुल लांच – 13 [8]
36000 किमी के Geosynchronous ऑर्बिट में संचार सैटेलाईट के लांच में उपयोग
ASLV – Augmented Satellite Launch Vehicle
SSLV – Small Satellite Launch Vehicle
चंद्रयान – 1 मिशन
चन्द्रमा के लिए भारत का पहला मिशन चंद्रयान-1
22 अक्टूबर,
2008 को लांच
राकेट – PSLV-XL C11
मिशन में ऑर्बिटर व इम्पैक्टर शामिल
इसरो प्रमुख – जी माधवन नायर
कुल वजन – 1380 किग्रा
पेलोड – 105 किग्रा
इम्पैक्टर, 14 नवम्बर, 2008 को ऑर्बिटर से अलग होकर चन्द्रमा के शेकलटन क्रेटर पर क्रैश लैंडिंग की
सोवियत संघ, अमेरिका व जापान के बाद चन्द्रमा की सतह पर पहुँचने वाला भारत चौथा देश बना
चन्द्रमा पर पानी का पता लगाया
लैंडिंग पॉइंट – जवाहर पॉइंट
2 वर्ष की अवधि के लिए लांच, किन्तु 28 अगस्त, 2009 को 312 दिन बाद इसरो का ऑर्बिटर से संपर्क टूट गया
2 जून, 2016 को नासा द्वारा ऑर्बिटर का चन्द्रमा की कक्षा में उपस्थिति की पुष्टि की गई
चन्द्रयान-
2 मिशन
22 जुलाई
2019 को सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र,
श्रीहरिकोटा से लांच
राकेट –
GSLV MK III M1
20 अगस्त
2019 को चन्द्रमा की कक्षा में पहुंचा
7 सितम्बर
2019 को लैंडर ने चन्द्रमा की सतह पर क्रैश लैंडिंग की
चंद्रयान-2
मिशन में ऑर्बिटर,
लैंडर व रोवर शामिल था
आर्बिटर [7 वर्ष की अवधि]
चंद्रमा का चक्कर लगाएगा
वजन – 2.37 टन
Payloads - 8
पॉवर –
1 KW
लैंडर का नाम – विक्रम
चंद्रमा पर लैंड करेगा
वजन – 1.47 टन
Payloads - 4
पॉवर –
650W
रोवर का नाम – प्रज्ञान
चंद्रमा पर चलेगा
वजन – 27 किग्रा
Payloads - 2
पॉवर –
50W
चंद्रयान-3
इसरो द्वारा 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में लांच किये जाने की योजना
राकेट – GSLV MK-III
चन्द्रयान 3 में सिर्फ लैंडर व रोवर शामिल [ऑर्बिटर नहीं]
मंगलयान मिशन
5 नवम्बर, 2013 को सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच
राकेट – PSLV-XL C-25
24 सितम्बर, 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा
ISRO, ROSCOSMOS, NASA व यूरोपियन स्पेस एजेंसी के मंगल ग्रह के लिए सफल मिशन लांच करने वाली चौथी स्पेस एजेंसी
गगनयान मिशन
इसरो द्वारा पहले व्यक्ति को स्पेस में भेजने के लिए गगनयान मिशन प्रस्तावित
दिसम्बर 2021 में व्योमित्र रोबोट के साथ टेस्टिंग व दिसम्बर 2022 में लांच किये जाने की योजना
राकेट – GSLV Mk-III
इसरो के द्वारा सूर्य के लिए आदित्य L-1 मिशन भी प्रस्तावित है
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