भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संविधान में 3 प्रकार से संशोधन के प्रावधान है
1 – सामान्य बहुमत
2 – विशेष बहुमत
3 – विशेष बहुमत तथा कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओ द्वारा मंजूरी
कुल संशोधन – 104 [फ़रवरी 2021]
100वाँ संविधान संशोधन, 2015
- संविधान के पहली अनुसूची में सशोधन
- भारत व बांग्लादेश के बीच कुछ-भूभागों की अदला बदली
- बांग्लादेश को भारत से 111 परिक्षेत्र [17160 एकड़] जबकि भारत को बांग्लादेश से 51 परिक्षेत्र [7110 एकड़] प्राप्त हुआ
- 1 अगस्त 2015 से लागु हुआ
101वाँ संविधान संशोधन, 2017
- भारतीय संविधान में संशोधन के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 122वें विधेयक के रूप में प्रस्तुत
- राज्यसभा द्वारा 3 अगस्त 2016 व लोकसभा द्वारा 8 अगस्त 2016 को पास
- 101वाँ संविधान संशोधन वस्तु व सेवा कर से संबंधित
- GST, केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा वस्तुओं व सेवाओ पर लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर 1 जुलाई 2017 से लागू
- संविधान में अनुच्छेद 246A, 269A, 279A जोड़ा गया तथा ART 268A को समाप्त किया गया
- संविधान की 6वीं व 7वीं अनुसूची तथा अनुच्छेद 248, 249, 250, 268, 269, 270, 271, 286, 366 व 368 में संशोधन किया गया
- 1 जुलाई, 2017 को लागू हुआ
102वाँ संविधान संशोधन, 2018
- संविधान में संशोधन के लिए 123वें विधेयक के रूप में केन्द्रीय मंत्री थावर चन्द्र गहलोत द्वारा प्रस्तुत किया गया था
- लोकसभा द्वारा 2 अगस्त व राज्यसभा द्वारा 8 अगस्त 2018 को पास
- 102वें संविधन संशोधन द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया
- संविधान में दो नए अनुच्छेद 338B & 342A को जोड़ा गया तथा ART 338 व 366 में संशोधन किया गया
- 11 अगस्त, 2018 को लागू हुआ था
103वाँ संविधान संशोधन, 2019
- भारतीय संविधान में संशोधन के लिए 124वें विधेयक के रूप में केन्द्रीय मंत्री थावर चन्द्र गहलोत द्वारा प्रस्तुत किया गया था
- लोकसभा द्वारा 8 जनवरी व राज्यसभा द्वारा 9 जनवरी 2019 को पास
- उद्देश्य – सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए शैक्षणिक संस्थानों व नियुक्तियों में 10% आरक्षण देना
- संविधान के अनुच्छेद 15 में क्लॉज़ 6 व 16 में क्लॉज़ 6 को संशोधन द्वारा शामिल किया गया
- 12 जनवरी, 2019 को लागू हुआ
104वाँ संविधान संशोधन, 2020
- भारतीय संविधान में संशोधन के लिए 126वें विधेयक के रूप में कानून व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद जी द्वारा प्रस्तुत किया गया था
- लोकसभा द्वारा 10 दिसम्बर 2019 व राज्यसभा द्वारा 12 दिसम्बर 2019 को पास
- अनुच्छेद 334 में संशोधन के द्वारा लोकसभा व राज्य की विधानसभाओ में SC/ST समुदाय के आरक्षण को 80 वर्ष यानिकि 2030 तक के लिए बढ़ा दिया गया
- लोकसभा व राज्य की विधानसभाओ में आंग्ल भारतीय समुदाय के लिए आरक्षित सीटों के प्रावधान को हटा दिया गया
- 25 जनवरी, 2020 से लागू हुआ
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