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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संविधान में 3 प्रकार से संशोधन के प्रावधान है
1 – सामान्य बहुमत
2 – विशेष बहुमत
3 – विशेष बहुमत तथा कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओ द्वारा मंजूरी
कुल संशोधन – 105 [सितम्बर
2021]
साधारण बहुमत
सदन में उपस्थित व मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या का 50% से अधिक होना चाहिए
उदाहरण, सदन में कुल सदस्य – 545
अनुपस्थिति – 45
मतदान से बाहर – 100
साधारण बहुमत – 545-45-100/2+1 = 201
विशेष बहुमत
कुल सदन के सदस्यों का 50% व उपस्थिति सदस्यों का 2/3 के मत की आवश्यकता
उदाहरण, कुल सदस्य – 300
50% = 150+1
उपस्थिति सदस्य – 240
2/3 = 140+1
अनुच्छेद 61 के लिए सदन के 2/3 सदस्यों के 2/3 बहुमत की आवश्यकता होती है
महत्वपूर्ण बिंदु
भारत की संसद के पास संविधान में
संशोधन शक्ति होती है
संविधान संशोधन विधेयक किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है
संयुक्त बैठक
का प्रावधान नहीं है
राष्ट्रपति की सहमति के बाद अधिनियम बनता है
100वाँ संविधान संशोधन, 2015
संविधान के पहली
अनुसूची में सशोधन
भारत व बांग्लादेश के बीच कुछ-भूभागों की अदला बदली
बांग्लादेश को भारत से 111 परिक्षेत्र
[17160 एकड़] जबकि भारत को बांग्लादेश से 51 परिक्षेत्र
[7110 एकड़] प्राप्त हुआ
31 जुलाई 2015 से लागु हुआ
101वाँ संविधान संशोधन, 2017
भारतीय संविधान में संशोधन के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री
अरुण जेटली
द्वारा 122वें
विधेयक के रूप में प्रस्तुत
राज्यसभा द्वारा 3 अगस्त
2016 व लोकसभा द्वारा 8 अगस्त
2016 को पास
101वाँ संविधान संशोधन वस्तु व सेवा कर से संबंधित
GST, केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा वस्तुओं व सेवाओ पर लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर 1 जुलाई
2017 से लागू
संविधान में अनुच्छेद
246A, 269A, 279A जोड़ा गया तथा ART 268A को समाप्त किया गया
संविधान की 6वीं व 7वीं अनुसूची
तथा अनुच्छेद 248,
249, 250, 268, 269, 270, 271, 286, 366 व 368 में संशोधन किया गया
1 जुलाई, 2017 को लागू हुआ
102वाँ संविधान संशोधन, 2018
संविधान में संशोधन के लिए 123वें
विधेयक के रूप में केन्द्रीय मंत्री थावर चन्द्र
गहलोत द्वारा प्रस्तुत
लोकसभा द्वारा 2 अगस्त
व राज्यसभा द्वारा 8 अगस्त
2018 को पास
102वें संविधन संशोधन द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा
वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया
संविधान में दो नए अनुच्छेद 338B & 342A को जोड़ा गया तथा ART 338 व 366 में संशोधन किया गया
11 अगस्त, 2018 को लागू हुआ था
103वाँ संविधान संशोधन, 2019
भारतीय संविधान में संशोधन के लिए 124वें विधेयक
के रूप में केन्द्रीय मंत्री थावर चन्द्र
गहलोत द्वारा प्रस्तुत
लोकसभा द्वारा 8 जनवरी
व राज्यसभा द्वारा 9 जनवरी
2019 को पास
उद्देश्य – सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए शैक्षणिक संस्थानों व नियुक्तियों में 10% आरक्षण देना
संविधान के अनुच्छेद
15 में क्लॉज़ 6 व 16 में क्लॉज़ 6 को संशोधन द्वारा शामिल किया गया
12 जनवरी, 2019 को लागू हुआ
104वाँ संविधान संशोधन, 2020
भारतीय संविधान में संशोधन के लिए 126वें विधेयक
के रूप में कानून व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद
जी द्वारा प्रस्तुत
लोकसभा द्वारा 10 दिसम्बर
2019 व राज्यसभा द्वारा 12 दिसम्बर
2019 को पास
अनुच्छेद 334 में संशोधन के द्वारा लोकसभा व राज्य की विधानसभाओ में SC/ST समुदाय के आरक्षण को 80 वर्ष यानिकि 2030 तक के लिए बढ़ा दिया गया
लोकसभा व राज्य की विधानसभाओ में आंग्ल भारतीय
समुदाय के लिए आरक्षित सीटों के प्रावधान को हटा दिया गया
105वाँ संविधान संशोधन,
2021
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार
द्वारा 127वाँ
संविधान संशोधन
विधेयक प्रस्तुत किया गया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 127वें CAB, 2021
को 105वें
CAA, 2021 के रूप में मंजूरी दी गई
संविधान के अनुच्छेद
338B [NCBC की शक्ति, संरचना आदि], 342-A[SEBC से संबंधित राष्ट्रपति की शक्ति] व ART 366 [SEBC की परिभाषा] में संशोधन किया गया
संशोधन के जरिये राज्यों को OBC सूची
बनाने का अधिकार दिया गया
1 Comments
Print button nahi show ho raha sir
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